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मंगलवार, 10 जनवरी 2023

उर्दू अनुवादकों का गैर जिलों में तबादला संभव, जिला कैडर का नहीं है सीएमओ और बीएसए ऑफिस में नियुक्त अनुवादकों का पद | Urdu Translator Transfer 2023

जनवरी 10, 2023
उर्दू अनुवादकों का गैर जिलों में तबादला संभव, जिला कैडर का नहीं है सीएमओ और बीएसए ऑफिस में नियुक्त अनुवादकों का पद | Urdu Translator Transfer 2023

 एकल पीठ ने पद को जिला कैडर का माना था


प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वास्थ विभाग में नियुक्त उर्दू अनुवादकों/जूनियर क्लर्क को गैर जिलों में स्थानांतरित करने के मामले में उठे विधि प्रश्न का समाधान करते हुए कहा है कि उर्दू अनुवादकों का पद जिला कैडर का पद नहीं है इसलिए इनका तबादला गैर जिले में किया जा सकता है। 



कोर्ट ने इस मामले में एकल पीठ द्वारा भेजे गए संदर्भ व कई विशेष अपीलों का एकसाथ निस्तारण करते हुए कहा है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में नियुक्त उर्दू अनुवादक/ जूनियर क्लर्क का पद जिला कैडर का पद नहीं है क्योंकि इनके नियुक्ति प्राधिकारी राज्य स्तरीय अधिकारी हैं।


यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल एवं न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने मुस्तकीम व कई अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया है । याचिकाओं में एकल पीठ द्वारा यह प्रश्न संदर्भित किया गया था कि उर्दू अनुवादक का पद जिला कैडर का है या राज्य कैडर का। इसके साथ कुछ ऐसी स्पेशल अपील भी थीं, जो एकल पीठ द्वारा उर्दू अनुवादक के पद को जिला कैडर का पद मानने से इनकार करते हुए याचिकाएं खारिज कर दी गई थीं। जबकि राज्य सरकार की ओर से भी कई स्पेशल अपील दाखिल की गई थीं, जिनमें एकल पीठ ने उर्दू अनुवादक के पद को जिला कैडर का माना था।


 याचियों के अधिवक्ताओं की दलील थी कि उर्दू अनुवादक कम जूनियर क्लर्क की नियुक्ति राज्य मंडल व जिला स्तर पर की गई है इसके लिए जारी शासनादेश के तहत तीन श्रेणियां दी गई हैं जिनमें प्रत्येक श्रेणी में नियुक्ति प्राधिकारी अलग-अलग हैं। याची मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में नियुक्त है तथा उसकी नियुक्ति संबंधित जिले के जिलाधिकारी द्वारा की गई है इसलिए उसका पद जिला कैडर का है। इस स्थिति में याची का स्थानांतरण उसकी नियुक्ति वाले जिले के अतिरिक्त किसी अन्य जिले में नहीं किया जा सकता है । 


याचिका में 15 जुलाई 2021 को निदेशक (प्रशासन) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं लखनऊ के आदेश को चुनौती दी गई थी। खंडपीठ ने सभी मामलों पर एकसाथ सुनवाई करने के बाद कहा कि उर्दू अनुवादक का पद जिला या राज्य स्तर का हो सकता है लेकिन यह उस विभाग या कार्यालय पर निर्भर करेगा, जहां उक्त अनुवादक की नियुक्ति हुई है। उस विभाग या कार्यालय में लागू सेवा नियमावली उस पर भी लागू होंगी। 


जहां तक मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में नियुक्त अनुवादकों के सवाल पर कोर्ट ने कहा कि यहां नियुक्त उर्दू अनुवादक के नियुक्ति प्राधिकारी निदेशक (प्रशासन) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य हैं जो महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कार्यालय के अंतर्गत आता है। सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय इसी विभाग का विस्तार हैं और विभाग के अंतर्गत काम करते हैं इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि सीएमओ कार्यालय में नियुक्त उर्दू अनुवादक जिला कैडर का पद है।


इसी प्रकार कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्त उर्दू अनुवादक के मामले में भी कहा कि वहां उर्दू अनुवादक का नियुक्ति प्राधिकारी क्षेत्रीय उपनिदेशक या क्षेत्रीय संयुक्त उपनिदेशक या निदेशक बेसिक शिक्षा होता है इसलिए बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उर्दू अनुवादक का पद जिला कैडर का पद नहीं है। उनका स्थानांतरण अन्य जिलों में किया जाना अनुचित नहीं कहा जा सकता है।