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सोमवार, 14 फ़रवरी 2022

Reservation issue in promotion : सुप्रीम कोर्ट ने मानकों में हस्तक्षेप से किया इनकार, कहा- संविधान पीठ के फैसले के बाद नहीं बना सकते नया पैमाना

फ़रवरी 14, 2022
Reservation issue in promotion : सुप्रीम कोर्ट ने मानकों में हस्तक्षेप से किया इनकार, कहा- संविधान पीठ के फैसले के बाद नहीं बना सकते नया पैमाना

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकारें अनुसूचित जाति व जनजाति के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने से पहले मात्रात्मक डेटा एकत्र करने के लिए बाध्य हैं। आरक्षण के लिए तय पैमाने और शर्तों को कम नहीं किए जा सकता। 



सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए पदोन्नति में आरक्षण की शर्तों को कम करने से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि राज्य सरकारें अनुसूचित जाति व  जनजाति के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने से पहले मात्रात्मक डेटा एकत्र करने के लिए बाध्य हैं। प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता के आकलन के अलावा मात्रात्मक डेटा का संग्रह अनिवार्य है। उस डेटा का मूल्यांकन किया जाना चाहिए। हालांकि, केंद्र यह तय करे कि डेटा का मूल्यांकन एक तय अवधि में ही हो और यह अवधि क्या होगी यह केंद्र सरकार तय करे। 


कोर्ट ने कहा कि नागराज (2006) और जरनैल सिंह (2018) मामले में संविधान पीठ के फैसले के बाद शीर्ष अदालत कोई नया पैमाना नहीं बना सकती। इस मामले में कोर्ट अगली सुनवाई 24 फरवरी को करेगा।