Regular Employees Rule Regulation 2022 सेवा नियमितीकरण के लाभ से किसी को नहीं कर सकते वंचित - हाईकोर्ट
प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कानून संशोधित होने से पहले दिए गए अदालती फैसले के आधार पर लाभ नहीं दिया जा सकता। भूतलक्षी प्रभाव वाले कानून उसके उपबंधों की अनदेखी नहीं की जा सकती। कोर्ट ने कहा कि खाली पद पर नियमानुसार कानून के तहत की गई नियुक्ति ही मान्य है।
कोर्ट ने कहा कि समय से नियमित न करना वरिष्ठता व अन्य सेवा परिलाभों से वंचित करना है। सरकार पिक एंड चूज नहीं कर सकती। सेवा नियमितीकरण नियमावली के लाभ से किसी को वंचित नहीं किया जा सकता। इसी के साथ कोर्ट ने लघु सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर को ललितपुर से सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता राज बहादुर को सेवानिवृत्ति परिलाभों सहित पेंशन भुगतान पर दो माह में निर्णय लेने और उसके छह हफ्ते में सेवा जनित परिलाभों का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने राज्य सरकार की विशेष संशोधन को चुनौती दिए बगैर अपील को निस्तारित करते हुए दिया है। अपील पर राज्य सरकार के अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रामानंद पांडेय ने बहस की। कोर्ट ने सरकार को विचार कर निर्णय लेने का आदेश दिया।
याची की नियुक्ति सिंचाई विभाग में कनिष्ठ अभियंता के रूप में एक जनवरी 1989 को की गई। वह दैनिक वेतन पर वर्षों तक कार्यरत रहा। 21 फरवरी 97 को कोर्ट ने न्यूनतम वेतन भुगतान पर सरकार को निर्णय लेने का निर्देश दिया। इसके पालन में चीफ इंजीनियर ने तीन सितंबर 97 को न्यूनतम वेतन भुगतान का आदेश दिया किंतु सेवा नियमित करने से इंकार कर दिया। जिसे सेवा अधिकरण में चुनौती दी गई |